Headnotes

1. जब कोई हिन्दू मुसीबत में हो और हम उसकी रक्षा के लिए आगे नहीं आ पाये, तो हम में और अतिरेकियो में कोई भेद नहीं है|
2.
Religious conversion never acceptable in any forms. Be faithful for your and don't loose the trust about your born religion

Thursday 21 March, 2013

कोंग्रेस का रवैया अंग्रेजो से कम नहीं था, सद्भावना की जरूरत आज भी

अमेरिका खुद ही अपने ऊपर हमले करवाता है, और उसका सारा जिम्मा अरब, फारस और ऐसे सभी मुस्लिम देशो पर डाल देता है| वह इन देशो का जूनून भड़काने में कुख्यात है| इसी कारण उसे कभी कभी आतंकवादी हमले भी जेलने पड़ते है|

बात भारत की,

अंग्रेजो के ज़माने में जो "Divide and Rule" की निति चली थी| उसने न सिर्फ भारतीय मुस्लिमो को हिंदुविरोधी बनाया, लेकिन हिन्दुओ को भी मुस्लिमविरोधी बना दिया| After all the discussion, हिंदुत्व के स्वरूप को ही बदल दिया| सांप्रदायिक वैमनस्य को भड़काते गए और अपना राज सुरक्षित रखा| फिर भी भारत के लोगो ने अंग्रेजो को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया| अंग्रेजो ने चाल चली, सत्ता के हस्तांतरण के लिए एक तारीख तय की और माउन्ट बैटन और उसकी पत्नी एडविना के साथ मिलकर नेहरू और जिन्हा को ब्लैकमेल करना शुरू किया| नेहरू, जिन्हा और एडविना तीनो क्लासमेट थे उस वक्त एडविना के दोनों के साथ नजाइश सम्बन्ध थे| नेहरू और जिन्हा के बिच में झगडे होते थे, आम तौर पर एडविना को लेकर| और उसी झगडे का फायदा उठाकर ब्रिटिश लोगो ने पाकिस्तान नामक देश को जन्म दिलवाया| विस्तृत जानकारी के लिए सुनिए - http://www.youtube.com/watch?v=5XtcFiZwENY

तो आपने देखा, कैसे गांधीजी के विचारो पर बलि चढ़ाई गई! आज भी बार बार गांधीजी का नाम लेकर राजनीती करनेवाले लोगो ने कैसे गांधीजी को हांसिये में धकेल दिया!


एक ही परिवार को समर्पित यह पार्टी आज तक अपना शासन कायम रखने के लिए अंग्रेजो की Divide and Rule की निति इख्तियार करती थी, क्योकि भला हो इस देश की जनता का जो इस पार्टी का सूपड़ा 2014 के चुनावो में साफ़ कर दिया और मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाया|

आज हमें इस बुद्धिमत्ता के युग में जान लेना चाहिए, की वास्तव में कौमी शांति भंग होने और सांप्रदायिक सद्भावना तूटने का असली कारण क्या है? सद्भावना बरकरार रखना और व्यक्तिगत स्तर पर साम्रदायिक वैमनस्य को समाप्त करना जब तक नहीं होता तब तक इस देश से कोंग्रेस रुपी दीमक का खात्मा नहीं हो सकता| कोंग्रेस को उखाड़ फैकने का काम चुनाव से तो होता ही है, लेकिन उसके साथ जरूरी है, जो वैमनस्य उसने फैलाये है उसे व्यक्तिगत स्तर पर समाप्त करने की, तभी अपना देश कोंग्रेसमुक्त हो पाएगा|

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