होली को जिस तरीके से खेलने की परंपरा है, उससे हम पूरी तरह उलटा खेलते है| आज के ज़माने में होली खेलने के लिए ऐसे ऐसे केमिकल्सयुक्त पदार्थ का प्रयोग हो रहा है, जो हमारी स्किन के लिए विषैल/जहरीला है| इनमे से कुछ रंग ऐसे होते है, जो पानी में गिला करके ही प्रयोग किया जाता है और एक दिन की मस्ती के बाद उसका हमारी स्किन से रंग जाते जाते कुछ सप्ताह बीत जाते है| आज फैशनेबल होली में कुछ लोग तो जो मन में आया वह पदार्थ ले लेते है और पूरे गाँव/सोसायटी/अपार्टमेंट को तंग करते है| माने डॉन बनकर दादागिरी में लगे हुए हो! फिर बोलते है, "बुरा मत मानो", यह एक संवाद/डायलोग है, जो हमारी जबान पर लग गया है|
परंपरागत होली में पानी का प्रयोग कुछ ही चीजो के लिए होता है, जैसे पलाश/टेसू(કેસૂડો) के फूल, जो पानी के साथ उबाले जाते है, और फिर उस पानी में टेसू का पूरा सत्व आ जाता है| वही पानी पिचकारियो से एकदूजे पर छिड़का जाता है| गरमी के प्रारंभिक दिनों में टेसू के फूल का पानी त्वचा के लिए बहुत उपयोगी होता है| हिन्दू परम्पराए किसी की मनघड़क प्रथाए नहीं है, इसके पीछे बहुत बड़ा विज्ञान छिपा हुआ है|
दूसरी एक चीज है, जो होली में भरपूर प्रयोग की जाती है, गुलाल| गुलाल तरह तरह के रंगों में मिलाता है जो इस बात की प्रेरणा देता है, की हमारा जीवन रंगबिरंगी होना चाहिए, सुखा और नीरस नहीं| शरीरविज्ञान के साथ मनोविज्ञान भी आ गया| लेकिन एक चीज ध्यान में रखे, जब गुलाल से होली खेल रहे हो, तब पानी का प्रयोग कदापि न करे|
ऐसी कई प्राकृतिक चीजे है, जो हम होली में एक दुसरे पर छिड़क सकते है, जैसे गेंदे के फुल, अबीर, कुमकुम, अक्षत इत्यादि|
परंपरागत होली में पानी का प्रयोग कुछ ही चीजो के लिए होता है, जैसे पलाश/टेसू(કેસૂડો) के फूल, जो पानी के साथ उबाले जाते है, और फिर उस पानी में टेसू का पूरा सत्व आ जाता है| वही पानी पिचकारियो से एकदूजे पर छिड़का जाता है| गरमी के प्रारंभिक दिनों में टेसू के फूल का पानी त्वचा के लिए बहुत उपयोगी होता है| हिन्दू परम्पराए किसी की मनघड़क प्रथाए नहीं है, इसके पीछे बहुत बड़ा विज्ञान छिपा हुआ है|
दूसरी एक चीज है, जो होली में भरपूर प्रयोग की जाती है, गुलाल| गुलाल तरह तरह के रंगों में मिलाता है जो इस बात की प्रेरणा देता है, की हमारा जीवन रंगबिरंगी होना चाहिए, सुखा और नीरस नहीं| शरीरविज्ञान के साथ मनोविज्ञान भी आ गया| लेकिन एक चीज ध्यान में रखे, जब गुलाल से होली खेल रहे हो, तब पानी का प्रयोग कदापि न करे|
ऐसी कई प्राकृतिक चीजे है, जो हम होली में एक दुसरे पर छिड़क सकते है, जैसे गेंदे के फुल, अबीर, कुमकुम, अक्षत इत्यादि|
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